राशि स्वामी तथा नाम के प्रथम अक्षर के अनुसार लगने वाले रत्न व उपरत्न

राशि स्वामी नाम का प्रथम अक्षर रत्न उपरत्न
मेष मंगल चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ ! मूँगा लाल हकीक, लाल ओनेक्स !
व्रष शुक्र ई, ए, उ, ओ, वा, वी, वू, वे, वो ! हीरा सफेद हकीक, ओपल, स्फटिक, सफेद पुखराज !
मिथुन बुध क, की, कू, घ, ड, छ, के, को, ह ! पन्ना हरा ओनेक्स, हरा हकीक, हरा नरगज़, फ़िरोज़ा !
कर्क चंद्र हा, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो ! मोती दूधिया हकीक, सफेद मूँगा, मून स्टोन !
सिंह सूर्य मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे ! माणिक माणिक स्टार, रतवा हकीक, गारनेट !
कन्या बुध टा, पे, पी, पू, ष, ण, ढ, पं, पो ! पन्ना हरा ओनेक्स, हरा हकीक हरा मारगज़ फ़िरोज़ा !
तुला शुक्र र, री, रु, रे, रो, त, ती, तू, ते ! हीरा सफेद हकीक, ओपल, स्फटिक, सफेद पुखराज !
व्रश्चिक मंगल तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, तू ! मूँगा लाल हकीक,लाल ओनेक्स !
धनु ब्राहस्पति ये, यो, भा, भी, भू, धा, फ, डा, भे ! पुखराज सुनेला पीला हकीक !
मकर शनि भो, ज, जी, खे, खू, खो, गा, गी ! नीलम जमुनिया, काला हकीक, काला स्टार, लाजवर्ट!
कुंभ शनि गु, गे, गो, सा, सी, सू, सो, दा ! ! नीलम जमुनिया, काला हकीक, काला स्टार, लाजवर्ट!
मीन ब्राहस्पति दी, द, थ, झ, दे, दो, चा, ची ! पुखराज पीला ओनेक्स, सुनेला !

.

माणिक(Ruby): माणिक सब रत्नों का राजा माना गया है। इसके बारे में एक धारणा यह है कि माणिक की दलाली में हीरे मिलते हैं। कहने का मतलब यह रत्न अनमोल है। यह रत्न सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इसे सूर्य के कमजोर व पत्रिकानुसार स्थिति जानकर धारण करने का विधान है।

कीमत में इसका कोई मोल नहीं है, इसकी क्वॉलिटी पारदर्शिता व कलर पर निर्भर करता है इसका मूल्य। सबसे उत्तम बर्मा का माणिक माना गया है। यह अनार के दाने-सा दिखने वाला गुलाबी आभा वाला रत्न बहुमूल्य है।

इसकी कीमत वजन के हिसाब से होती है। यह बैंकॉक का भी मिलता है; लेकिन कीमत सिर्फ बर्मा की ही अधिक होती है। बाकी 100 रु. से 500 रु. कैरेट तक में मिल जाता है, लेकिन बर्मा माणिक की कीमत 1000 रु. कैरेट से आगे होती है। एक कैरेट 200 मिली का होता है व पक्की रत्ती 180 मिली की होती है।

माणिक को मोती के साथ पहन सकते हैं और पुखराज के साथ भी पहन सकते हैं। मोती के साथ पहनने से पूर्णिमा नाम का योग बनता है। जबकि माणिक व पुखराज प्रशासनिक क्षेत्र में उत्तम सफलता का कारक होता है। माणिक व मूंगा भी पहन सकते हैं, ऐसा जातक प्रभावशाली व कोई प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता पाता है।

इसे पुखराज, मूंगा के साथ भी पहना जा सकता है। पन्ना व माणिक भी पहन सकते है, इसके पहनने से बुधादित्य योग बनता है। जो पहनने वाले को दिमागी कार्यों में सफल बनाता है।

माणिक, पुखराज व पन्ना भी साथ पहन सकते हैं। माणिक के साथ नीलम व गोमेद नहीं पहना जा सकता है। सिंह लग्न में जब सूर्य पंचम या नवम भाव में हो तब माणिक पहनना शुभ रहता है। वृषभ लग्न में सूर्य केंद्र से चतुर्थ का स्वामी होता है अत: सूर्य की स्थितिनुसार इस लग्न के जातक भी माणिक पहन सकते हैं।

मेष, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, धनु मीन लग्न वाले सूर्य की शुभ स्थिति में माणिक पहन सकते हैं।

माणिक को शुक्ल पक्ष के किसी भी रविवार को सुबह 9.15 से 11.00 बजे तक धारण कर सकते हैं।