जन जागरण जीवन ज्योति ट्रस्ट(रजि0)
आचार्या पं0 दीनानाथ पाठक ज्योतिष विशेषज्ञ –
नोट:- जन्म पत्री, हस्तरेखा, यंत्र, रत्न एवं रुद्राक्ष, वास्तु शास्त्र, ग्रह क्लेश, लक्ष्मी बंधन, क़र्ज़, व्यावसायिक परेशानी, परिवारिक अशांति, विदेश यात्रा, मुक़दमा, शारीरिक वा मानसिक रोग, ग्रह दोष, विवाह मे बाधा, दाम्पत्य जीवन मे परेशानी, शिक्षा मे बाधा, नौकरी कॅरियर मे बाधा, काल सर्प दोष, पित्र दोष व जीवन मे आने वाली सभी परेशानियो के लिए मिलें-
जन जागरण जीवन ज्योति ट्रस्ट (रजि0) द्वारा संचालित ज्योतिष अनुसंधान केंद (सी-९०० नंद ग्राम ग़ाज़ियाबाद उ0प्र0, बी-१० आश्रम रोड दीनदयालपुरी गाज़ियाबाद उ0प्र0)
ज्योतिष अनुसंधान केंद्र द्वारा प्रस्तुत है विभिन्न बाधाओं को दूर करने में व जीवन में सफलता प्राप्त करने योग्य विशेष समाग्रीव :-
मानव कल्याण के लिए हितकारी व कल्याणकारी है।
सर्व बाधा मुक्ति धुना धूप :
विशेष प्रकार से तैयार की हुई सर्व बाधा मुक्ति धुना धूप के चूर्ण की धूनी यदि घर / फैक्ट्री, दुकान इतियादी स्थल पर उपले की या कच्चे कोयले को जलाकर किसी बर्तन मे रखकर उसके ऊपर जलाकर धूनी दी जाए तो घर, फैक्ट्री दुकान में उत्पन्न समस्त बाधाओं को दूर करता है भूत-प्रेत, भय तथा टोने टोटका, नज़र दोष इत्यादि समस्त बाधाएँ दूर हो जाती हैं|
हत्था जोड़ी:
हत्था जोड़ी का आश्चर्य जनक प्रभाव होता है| यह साक्षात श्री चामुंडा देवी जी का प्रतिरूप है इसे घर में या व्यापार मे रखने से धन वैभव, नज़र -दोष, भूत-प्रेत, टोना-टोटका तथा जीवन मे उत्पन्न सभी कष्टों का निवारण होता है| मंगाने के लिए २१००/- मूल्ये जमा करके प्राप्त करें|
सिआर सिंघि
यह एक दुर्लभ वस्तु है। यह जिस किसी के पास होता है वह धन वैभव से पूर्ण होता है तथा जीवन मे किसी भी तरह का कष्ट प्राप्त नहीं होता है|
स्फटिक माला
धारण विधि : स्फटिक माला 108 दानों की धारण करनी चाहिए | स्फटिक माला (अंगूठी,लॉकेट) को धारण करने के लिए कच्चे दूध एवं गंगाजल से स्नान कराकर श्री भगवान शंकर एवं माँ श्री दुर्गा जी के चरणों में स्पर्श कराकर अपने गुरु या इष्ट देव की माला फिराकर धारण करनी चाहिए | इससे जीवन में निराशा से छुटकारा मिलता है | अभिष्ट फल की प्राप्ति होती है | मस्तिष्क को शांत करता है | हड्डियों को मजबूत करता है | गुस्से को नियंत्रण करता है | कार्य करने की क्षमता प्रदान करता है |
मूल्य राशि : 550, 750, 1100, 2100, 2750 |
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बामपंथी शंख
बामपंथी शंख उन्हे कहते है | जिनका पेट सीधा हाथ (Right hand)की तरफ खुलता है या प्रायः बजाने के काम आता है | बजाने वाला उत्तम शंख द्वारिका से प्राप्त होता है | बामपंथी शंख विशेषकर मंगलकार्यों में शंखनाद अवश्य किया जाता है | शंख ध्वनि से देवता प्रसन्न होते है तथा घर में टोने-टोटके, भूत प्रेत पिशाच एवं अनय बाधाये शंख ध्वनि से दूर भाग जाती है तथा शंख बजाने से फेफड़ो का उत्तम व्यायाम होता है एवं व्यक्ति रोगमुक्त होता है |
मूल्य राशि : 520, 770, 950, 1500, 2100 |
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दक्षिणावर्त शंख महिमा
श्री कुबेर की नव निधियों में से एक शंख है दक्षिणावर्त शंख | जिस शंख का पेट दाहिने ऑर खुलता है उसे दक्षिणावर्त शंख कहा जाता है | यह समुन्द्र की गहराइयों में से प्राप्त होता है | यह शंख साक्षात श्री नारायण स्वरूप है | यह शंख बहुत कम पाया जाता है | भगवान शंकर एवं शंखचूर्ण राक्षस में परस्पर युद्ध हुआ, भगवान शंकर ने शंखचूर्ण राक्षस का वध करके उसे समुन्द्र में डाल दिया वही राक्षस शंख चूर्ण आगे चलकर शंख के रूप में उत्पन्न हुआ | समुन्द्र मंथन के समय जब यह शंख निकला तो भगवान विष्णु ने इसे अपने दाहिने हाथ में धारण किया | इसीलिए यह भगवान विष्णु ऑर माता लक्ष्मी का प्रिय पात्र है | माता श्री दुर्गा जी के कर-कमलों में भी दक्षिणावर्त शंख शुभ फल कारक सिद्ध हुआ |